क्या आसान है सच्चा प्यार पाना, कैसे ढूंढे सच्चा प्यार?

मेरा personal experience ये बोलता है कि आज के युग में प्यार तो चारों तरफ मिल जायेगा, लेकिन सच्चा प्यार मिलना थोड़ा मुश्किल है| अगर इस टॉपिक पर खुल के बात की जाए तो चारों तरफ सिर्फ फिजिकल attachment को पाने की होड़ लगी है|

वैसे प्यार या रिलेशनशिप में ये एक हद तक सही भी है क्योंकि इससे attraction बढ़ता है, और हर इंसान की कुछ इच्छाएं और needs होती है जिसके लिए उसे अपने पार्टनर पर निर्भर होना पड़ता है|

लेकिन इस फिजिकल attraction की होड़ में हम emotional और mental attachment को भूल जाते है जो शायद एक रिलेशनशिप में फिजिकल attachment से भी ज्यादा मायने रखता है|

लेकिन क्यों जरुरत पड़ती है प्यार या रिलेशनशिप की?

इन्सान कभी भी अकेला नहीं रह सका है| अगर वो रहने की कोशिश भी कर ले तो कुछ समय तक शायद रह ले लेकिन कभी ना कभी उसे किसी की जरुरत पड़ती ही है|
– एक ऐसे इंसान की जिससे वो अपनी सारी feelings और emotions शेयर कर सके|
– जिसके साथ वो गुस्सा भी हो सके, मायूस भी हो सके|
– जिसके ऊपर वो कुछ हद तक निर्भर भी हो सके|

तो क्या सच्चा प्यार पाया जा सकता है? कैसे पाए?

वैसे तो सच्चा प्यार पाने के लिए कोई नियम कानून नहीं होते क्योंकि ये तो बस हो जाता है, बिना चेहरा देखे, बिना समय देखे| लेकिन कुछ टिप्स जरूर है जिनकी मदद से आप अपने अकेलेपन को दूर कर सच्चा प्यार पा सकते है-

जल्दबाज़ी ना करे

कई बार ऐसा देखा गया है की हम जल्दबाज़ी में किसी को भी पसंद करते है और रिलेशनशिप commitment कर देते है| किसी ने आपकी कभी मदद कर दी, कोई आपको रोज़ फॉलो कर रहा है, कोई आपके साथ रोज़ समय spent कर रहा है, कोई आपका हर रोज़ take care कर रहा है, किसी का physical appearance आपको पसंद आया है, इत्यादि|

ऐसा कोई भी इंसान जब हमारे आस पास रहता है तो हम जल्दबाज़ी में रिलेशनशिप commitment कर देते है| पर ध्यान रहे, यहाँ कोई आपके लिए कुछ कर रहा है इसलिए आपका झुकाव उसके तरफ है| क्या कभी आपने खुद ये सोचा है की वाकई ये वही इंसान है जिसकी आपको तलाश थी या है?

ऐसे में 90% देखा गया है की ये सब सिर्फ likes और attraction है, प्यार नहीं है| Attraction और प्यार में जमीन आसमान का फर्क है| सच्चा प्यार जब आपके आस पास आएगा तो आप उसके अंदर हज़ारो good qualities नहीं बल्कि bad qualities देखकर भी प्यार में पड़ जायेंगे|

इसलिए जल्दबाज़ी ना करें, अपने चारों तरफ observe करें और wait करें..!!

जरुरी नहीं शुरुवात अच्छे तरीके से हो

अगर आप ये सोच रहे हो की सच्चे प्यार की शुरुवात हमेशा अच्छे तरीके से होती है तो शायद आप गलत भी हो सकते हो| ऐसा भी तो हो सकता है रास्ते में चलते चलते आपकी नोक-झोक किसी अनजान से हो गयी, यहाँ तक की आप दोनों में गाली-गलौज भी हो गया| और बाद में पता चला की-

“वो नोक-झोक और गाली-गलौज तो सिर्फ इशारा था क्योकि किसमत को आप दोनों को मिलाना था..”|

सच में प्यार की शुरुवात ऐसे भी हो सकती है| अगर किसमत को मिलाना रहेगा तो वो बहुत खेल खेलेगा| मेरा एक दोस्त जिसकी नोक-झोक एक बार शॉपिंग मॉल के Parking place में किसी लड़की से हुई थी और आज दोनों रिलेशनशिप में है|

एक दिन दोनों ने ठान लिया था की गाड़ी जो पहले आया था उसी की park होगी| बात यहाँ तक आगे बढ़ी की cctv footage लेकर दोनों complaint करने वाले थे|

इसलिए जरुरी नहीं की आपके soulmate से पहली मुलाकात अच्छे और सभ्य शब्दों से हो..!

Physical romance के पीछे मत भागिए, Mental romance के पीछे भागिए

अगर आप ये सोच रहे है की प्यार में पार्टनर के साथ रोज़ मिलने से, हाथ पकड़ने से, एक दूसरे के साथ रहने से सच्चे प्यार की पहचान होती है और bonding मजबूत रहती है, तो शायद आप गलत भी हो सकते है|

ऐसा कई बार देखा गया है की north में रहने वाली लड़की और south में रहने वाला लड़का, दोनों 5-6 सालों से रिलेशनशिप में है, और चौकाने वाली बात ये है की वो एक बार भी नहीं मिले है| वो सिर्फ audio/video call और text msg के जरिये एक दूसरे से आज तक जुड़े है|

पता है ऐसा कैसे? क्योंकि ये दोनों mentally एक दूसरे के लिए बने है..!!

Conclusion

उम्मीद है यहाँ बताए गए टिप्स आपको समझने में मदद करेंगे की सच्चा प्यार कहां, कब, कैसे होना है, ये किसी को नहीं पता| पर हां कुछ बातों और घटनाओ से इसे पता लगाया जा सकता है| मैं बहुत जल्द इसपर भी एक लेख लेकर आऊंगा जिनमें कुछ real life examples होंगे|

अगर आपके पास कोई real life example है और उसे यहाँ शेयर करना चाहते है तो 300 शब्दों में whatsapp करें 8250466847.